Navratri Kanya Pujan 2024: हमारे हिंदू शास्त्र में नवरात्रि एक महापर्व में आता है। ये पुरुष एवं इस्त्री डोनो क्रते है। माना जाता है कि इसका पूर्ण फल कन्यादान केके पश्चात ही मिलता है। कन्यादान में छोटी छोटी 9 कन्याओं को भोजन खिलाया जाता है (खीर पूरी सब्जी…)।
कन्या पूजन, नवरात्रि के महाअष्टमी या महानवमी को किया जाता है। कुछ लोग इसे अष्टमी को करते हैं और वही कुछ लोग नवमी को करते हैं। ये दोनो दिन शुभ माना गया है कन्या पूजन करने के लिए।
कन्या पूजन मुहूर्त: कन्या पूजन के लिए 11 अक्टूबर को कई शुभ मुहूर्त बन रहे है। शुभ मुहूर्त में ही कन्या पूजन करने से लाभ होता है। शुभ मुहूर्त नीचे दिए गए हैं।
ब्रह्म मुहूर्त | 04:40AM से 05:29AM |
प्रातः सन्ध्या | 05:04AM से 06:19AM |
अभिजित मुहूर्त | 11:43AM से 12:30PM |
विजय मुहूर्त | 02:03PM से 02:49PM |
गोधूलि मुहूर्त | 05:55PM से 06:19PM |
सायाह्न सन्ध्या | 05:55PM से 07:09PM |
कन्या पूजन विधि: कन्या पूजन में कुल 9 छोटी छोटी कन्याओं को आदरपुरवक अपने घर में बुलाया जाता है फिर उनका अपने हाथों से पैर धोया जाता है। इसके बाद उनको भोजन करा कर अपने सामर्थ्यनुसार कुछ उपहार या दक्षिणा दिया जाता है। ऐसे करने से कन्या पूजन संपूर्ण मन जाता है।
हमारे शास्त्रों में छोटी-छोटी कन्याओं को देवी का स्वरूप माना गया है इस लिए नवरात्रि में जो कन्या पूजन के लिए आती है उसे हमें ऐसे देखना चाहिए जैसे मानो मां दुर्गा स्वयं ही हमारे घर पर हमारा पूजन संपूर्ण करने के लिए आई है। इस लिए हमें खूब भक्ति भाव से कन्या पूजन करना चाहिए।
अगर कोई किसी कारण वर्ष अपने घर में नहीं बुला सकता तो फिर उसके लिए भी एक उपाय है। मंदिर के बाहर छोटी छोटी कन्या होती है वो सबको कुछ दान दक्षिणा दे सकते है अपना श्रद्धा भाव से। ऐसा करना भी अच्छा माना गया है।
जय माता दी। हिंदी DailyNews